Sunday, 19 August 2012


एशिया होगा दुनिया के रईसों का आशियाना
 

सिंगापुर, हांगकांग, ताइवान एवं भारत समेत कई एशियाई देशों में कमोबेश बेहतर आर्थिक हालात से इस महाद्वीप का परिदृश्य आने वाले समय में और बेहतर हो जाएगा। इसका असर एशिया के लोगों की बढ़ती अमीरी के रूप में भी नजर आएगा। यही नहीं, एशिया आगे चलकर दुनिया के सबसे रईसों के आशियाने के रूप में भी उभर कर सामने आएगा। इसका मतलब यही है कि आने वाले वर्षों में अमेरिका और यूरोप के बजाय एशिया में ही सबसे ज्यादा अमीरों की बड़ी तादाद रहा करेगी। इस मामले में सिंगापुर का नाम सबसे ऊपर होगा। सर्वाधिक अमीरों के निवास स्थल के लिहाज से दूसरे नंबर पर हांगकांग होगा, जबकि ताइवान और दक्षिण कोरिया क्रमश: तीसरे एवं चौथे पायदान पर होंगे। ये चारों ही एशियाई मुल्क हैं। नाइट फ्रैंक एवं सिटी प्राइवेट वेल्थ की '2012 वेल्थ रिपोर्ट' में इन सारी बातों का जिक्र किया गया है।

उपर्युक्त रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2050 तक ग्लोबल परिदृश्य इस लिहाज से काफी बदल जाएगा। उस समय तक पूरी दुनिया में सर्वाधिक प्रति व्यक्ति आय कहीं और नहीं, बल्कि सिंगापुर में होगी। उस समय सिंगापुर में प्रति व्यक्ति आय 1,37,710 डॉलर होगी। इसी तरह हांगकांग, ताइवान और दक्षिण कोरिया में प्रति व्यक्ति आय उस समय तक बढ़कर क्रमश: 116639, 114093 तथा 107752 डॉलर हो जाएगी। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि सर्वाधिक प्रति व्यक्ति आय वाले देशों की सूची में अमेरिका पांचवें स्थान पर होगा। वर्ष 2050 तक अमेरिका में प्रति व्यक्ति आय 1,00,802 डॉलर रहने का अनुमान लगाया गया है।

एक खास बात यह है कि सिंगापुर में प्रति व्यक्ति आय मौजूदा समय में भी पूरी दुनिया में सबसे अधिक है। उपर्युक्त रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान में सिंगापुर में प्रति व्यक्ति आमदनी 56,532 डॉलर है।

इस सूची में सिंगापुर के बाद क्रमश: नॉर्वे, अमेरिका, हांगकांग और स्विट्जलैंड का नंबर आता है।

इस रिपोर्ट में भारत का भी जिक्र किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2010 से वर्ष 2050 के बीच सर्वाधिक तेजी से विकास करने वाले देश भारत, इराक, बांग्लादेश, नाइजीरिया, वियतनाम, फिलीपींस, मंगोलिया, इंडोनेशिया, मिस्र और श्रीलंका होंगे। ध्यान देने योग्य बात यह है कि इनमें से सात देश एशियाई ही हैं। इस बात से भी यह संकेत मिलता है कि ग्लोबल स्तर पर दौलत का प्रवाह एशिया की ओर हो रहा है। इस रिपोर्ट में कई विकसित देशों का जिक्र करते हुए कहा गया है कि अगले 40 वर्षों के दौरान इन मुल्कों में आर्थिक विकास की रफ्तार बहुत ही मामूली रहेगी। रिपोर्ट के मुताबिक इस दौरान सर्वाधिक आर्थिक विकास दर वाले देशों की सूची में स्पेन, फ्रांस, बेल्जियम, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रिया, हालैंड, इटली और जर्मनी के नाम काफी नीचे होंगे। वहीं, जापान को इस सूची में सबसे निचले पायदान पर रखा गया है।
एशिया होगा दुनिया के रईसों का आशियाना 
भास्कर न्यूज नेटवर्कत्ननई दिल्ली 

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