Friday, 17 August 2012


ख़तरा हमारी एकता को 

जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली खुद पर हमले से भयभीत पूर्वोत्तर भारत के बाशिंदों ने आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र से पलायन शुरू कर दिया है। मोबाइल के जरिये मिल रही धमकियों से डरे हुए पूर्वोत्तरवासी (असम, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश) उन आश्वासनों पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं, जो इन राज्यों की सरकारों के साथ-साथ केंद्रीय सत्ता की ओर से दिए जा रहे हैं। सबसे अधिक खौफजदा कर्नाटक में रह रहे पूर्वोत्तर के लोग हैं। असम हिंसा का बदला लेने संबंधी एसएमएस से भयभीत पूर्वोत्तर के करीब 11,000 बाशिंदों ने दो दिनों में कर्नाटक छोड़ दिया है। खचाखच भरी ट्रेनों से रवाना हुए इन लोगों के चेहरों पर डर का भाव झलक रहा था। देर रात यहां से दो विशेष ट्रेनें गुवाहाटी के लिए रवाना हुई। आंध्र प्रदेश के हैदराबाद शहर से भी पूर्वोत्तर के लगभग साढ़े सात सौ लोग पलायन कर गए हैं। यहां पूर्वोत्तर के लोगों की संख्या करीब 1700 हैं, जिसमें करीब 45 फीसद पिछले चार-पांच दिनों में शहर छोड़ चुके हैं। हालांकि पुलिस ने बड़े पैमाने पर पलायन की खबर को नकारते हुए कहा है कि कुछ लोग गए हैं, लेकिन वे डरकर नहीं बल्कि पारिवारिक दबाव और अन्य कारणों से अपने राज्य लौटे हैं। महाराष्ट्र के अधिकारियों ने भी माना है कि इस हफ्ते की शुरुआत से पुणे, नाशिक और मुंबई से पूर्वोत्तर के लगभग डेढ़ हजार लोग अपने घर लौट चुके हैं। गुरुवार को ही पुणे और नाशिक से 300-300 लोग रवाना हुए। बुधवार को मुंबई से करीब 400 लोग अपने घरों को लौटे थे। पुणे के असिस्टेंट कमिश्नर संजीव सिंघल ने पूर्वोत्तर के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर अफवाहों पर ध्यान न देने और धमकी भरे एसएमएस को अनदेखा करने की बात कही है। पिछले हफ्ते से यहां दस से ज्यादा पूर्वोत्तर वासियों पर हमले हो चुके हैं। इन मामलों में पुलिस 13 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। पूर्वोत्तर के बाशिंदों के खिलाफ फैलाई जा रही अफवाहों से सबसे ज्यादा प्रभावित कर्नाटक सरकार ने बेंगलूर में पुलिस की गश्त बढ़ा दी है। इसके अलावा अपने आवास पर पूर्वोत्तर के प्रतिनिधियों से मुलाकात में मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार ने आश्र्वासन दिया कि पूरी सरकार उनके साथ है। इस दौरान भयभीत लोगों ने उन्हें वे एसएमएस भी दिखाए, जिसमें असम हिंसा का बदला नार्थ-ईस्ट के सभी लोगों से लेने की धमकी दी गई है। उच्च स्तरीय बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में शेट्टार ने माना कि पूर्वोत्तर के निवासियों के साथ कुछ घटनाएं हुई हैं, लेकिन शिकायत नहीं होने के कारण पुलिस कुछ कार्रवाई नहीं कर सकी। इन घटनाओं पर प्रकाश डालने के बाबत पूछे गए प्रश्न पर बीच में टोकते हुए उप मुख्यमंत्री और गृह मंत्री आर अशोक ने कहा कि यह संवेदनशील मसला है। इसके बारे में विस्तार से जानकारी नहीं दी जा सकती। उन्होंने बताया कि अफवाह फैलाने वालों का पता लगाया जा रहा है। गत रात्रि जहां गृह मंत्री रेलवे स्टेशन पर मौजूद थे तो गुरुवार को कानून मंत्री सुरेश कुमार ने यात्रियों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के लोगों पर किसी तरह के हमले की कोई घटना नहीं हुई है। आरएसएस और अन्य संगठन स्टेशन पर काउंटर लगाकर लोगों को आश्र्वस्त करने की कोशिश कर रहे हैं कि वे राज्य में सुरक्षित हैं। साथ ही उन तक खाने-पीने का सामान भी पहुंचाया जा रहा है। बताते हैं कि मैसूर में 14 अगस्त को एक तिब्बती लड़के को चाकू मारने की घटना के बाद ही इस अफवाह ने जोर पकड़ लिया कि पूर्वोत्तर के लोगों पर हमले किए जा रहे हैं।

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